ये शेर इंसानी हिम्मत, सहनशीलता और संघर्ष की महानता को बयां करता है। इसमें कहा गया है कि अगर फ़रिश्तों को कठिन परीक्षाओं में डाला जाए तो वे भी चीख उठें, लेकिन इंसान अपनी तमाम परीक्षाओं और मुसीबतों का सामना करते हुए उन्हें लगातार पार करता चला जा रहा है।
इंसान की हिम्मत और सहनशीलता
इंसान को अल्लाह ने कई तरह की परीक्षाओं से गुज़रने के लिए बनाया है। ये परीक्षाएँ कभी-कभी इतनी कठिन होती हैं कि फ़रिश्ते भी उन्हें सहन नहीं कर पाते। लेकिन इंसान अपनी हिम्मत और सहनशीलता के बल पर इनका सामना करता है। उसकी जिंदगी में आने वाली मुश्किलें उसे और मज़बूत बनाती हैं।
संघर्ष और आत्म–विश्वास
इंसान का संघर्ष और आत्म-विश्वास उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, इंसान अपने आत्म-विश्वास से उसे पार करने का रास्ता ढूंढ ही लेता है। ये आत्म-विश्वास ही उसे दूसरों से अलग और खास बनाता है।
सब्र और संयम
सब्र और संयम इंसान के अंदर वो गुण हैं जो उसे हर परीक्षा में सफल बनाते हैं। जब इंसान मुश्किलों का सामना करता है, तो वह धैर्य और संयम से काम लेकर आगे बढ़ता है। ये गुण उसे न केवल मुश्किल समय से उभरने में मदद करते हैं, बल्कि उसे और भी मज़बूत बनाते हैं।
इंसान की अदम्य इच्छाशक्ति
इंसान की इच्छाशक्ति अदम्य होती है। वह किसी भी हालात में हार नहीं मानता और लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ता रहता है। उसकी यही इच्छाशक्ति उसे हर कठिनाई से लड़ने और जीतने की ताकत देती है।
ये शेर हमें यह सिखाता है कि इंसान की हिम्मत, सहनशीलता, संघर्ष और आत्म-विश्वास उसे हर मुश्किल परीक्षा में सफल बनाते हैं। फ़रिश्तों के लिए जो मुश्किलें असहनीय होती हैं, इंसान उन्हें अपने अदम्य इच्छाशक्ति से पार कर लेता है। इसलिए हमें भी अपनी जिंदगी की हर परीक्षा का सामना हिम्मत और आत्म-विश्वास से करना चाहिए, क्योंकि यही हमें और मज़बूत और सफल बनाता है।